श्रावण मास सावन 2024 का महत्व और लाभ, सावन महीने में क्या करें और क्या नहीं
सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित होता है। श्रावण मास 2024, भगवान शिव की पूजा और उपासना के लिए विशेष महत्व रखता है। इस माह में शिवजी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्तों को अनेक प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं।
शिव और सावन
शिवपुराण में भगवान शिव को जल के समान माना गया है, इसलिए उनके अभिषेक के लिए जल का प्रयोग किया जाता है। सावन महीने में व्रत रखने का भी विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि कुँवारी लड़कियां जो सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं और शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, फूल आदि अर्पित करती हैं, उन्हें उनकी पसंद का जीवनसाथी प्राप्त होता है। इस व्रत में “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना सर्वोत्तम माना जाता है।
सावन महीने का महत्व
सावन माह के महत्वपूर्ण तिथियों में श्रावण सोमवार, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी (त्रयोदशी व्रत), पूर्णिमा (राक्षस भद्रा) और अमावस्या (श्रावण अमावस्या) विशेष रूप से मनाए जाते हैं। भक्तजन इन दिनों पर शिवलिंग पर अर्चना, जल चढ़ाना, व्रत रखना और मन्दिर में पूजा-अर्चना करते हैं। सावन के इन पवित्र दिनों में भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सावन महीने का लाभ
श्रावण मास का आयोजन और शिव पूजा मनाने का महत्व हिन्दू धर्म में गहरी प्रासंगिकता रखता है और लोग इसे श्रद्धा और भक्ति से मनाते हैं। यह माह भगवान शिव के गुणों, महिमा और करुणा का स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही, सावन महीने में शिवजी के द्वारा की गई कथाओं, लीलाओं और उनके अनुयायों द्वारा प्रदर्शित भक्ति और समर्पण की प्रेरणा भी मिलती है।
श्रावण मास में क्या करें और क्या नहीं
श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा और अर्चना करने के लिए विशेष उपाय भी प्रचलित हैं। इनमें से कुछ उपाय हैं: सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना, बेलपत्र और फूलों का अर्पण करना, शिव मंत्रों का जाप करना और सावन के दिनों में विशेष प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करना। ये सभी उपाय भक्तों को आत्मिक शांति, शिव भक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायता करते हैं।
सावन महीने में क्या नहीं करें
सावन के महीने में तामसिक और अस्वास्थ्यकर आहार से बचना चाहिए। मांसाहार, शराब, और नशीले पदार्थों का सेवन न करें। व्यर्थ विवादों और कड़वी वाणी से बचें। इस महीने में मानसिक और शारीरिक शुद्धता का पालन करें।
श्रावण मास 2024 की विशेषताएं
सावन मास 2024, 19 साल बाद दो महीने तक मनाया जाएगा और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है मलमास। श्रावण या सावन का महीना 3 जुलाई 2024 से शुरू होकर 30 अगस्त 2024 को समाप्त होगा। इस अवधि में भगवान शिव की पूजा, व्रत और अर्चना अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
2024 के सावन सोमवार
- पहला सावन सोमवार: 8 जुलाई 2024
- दूसरा सावन सोमवार: 15 जुलाई 2024
- तीसरा सावन सोमवार: 22 जुलाई 2024
- चौथा सावन सोमवार: 29 जुलाई 2024
- पांचवां सावन सोमवार: 5 अगस्त 2024
- छठा सावन सोमवार: 12 अगस्त 2024
- सातवां सावन सोमवार: 19 अगस्त 2024
- आठवां सावन सोमवार: 26 अगस्त 2024
ज्योतिष के अनुसार सावन सोमवार 2024 की विशेषता
- पहला सावन सोमवार (8 जुलाई 2024): इस दिन का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यह सावन मास का पहला सोमवार है। इस दिन व्रत और पूजा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
- दूसरा सावन सोमवार (15 जुलाई 2024): यह सोमवार विशेष रूप से स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से सभी प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
- तीसरा सावन सोमवार (22 जुलाई 2024): इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
- चौथा सावन सोमवार (29 जुलाई 2024): यह सोमवार समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
शिव और सावन की कथाएँ
समुद्र मंथन: पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और दानवों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया था। इस मंथन से हलाहल विष निकला, जिसे भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण कर लिया। इस घटना के कारण उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है। सावन का महीना इसी घटना का स्मरण कराता है और इस समय भगवान शिव की पूजा और उपासना विष के प्रभाव को कम करती है।
सावन महीने की यात्रा और भक्ति
इस महीने में शिव भक्तों का एक और महत्वपूर्ण आयोजन होता है, जिसे हम ‘कांवड़ यात्रा’ के नाम से जानते हैं। इस यात्रा में भक्तजन गंगा जल से भरे हुए कांवड़ को अपने कंधों पर रखकर पैदल यात्रा करते हैं और शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। यह यात्रा उत्तराखंड के हरिद्वार, गंगोत्री और शिवनगरी क्षेत्र में अधिक लोकप्रिय है, जहां लाखों शिवभक्त इसमें भाग लेते हैं।
निष्कर्ष
श्रावण मास 2024 का आयोजन और शिव पूजा मनाने का महत्व हिन्दू धर्म में गहरी प्रासंगिकता रखता है। यह महीना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने, मानसिक और आध्यात्मिक शांति पाने और जीवन की समस्याओं का निवारण करने का उत्तम समय है। इस सावन सोमवार, भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर उनकी कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करें।
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