ॐ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
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शिवमय संसार: ॐ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का महत्व
शिव–अवतार
शिव के 19 अवतार कौन से हैं, जन्म से पहले और आख़िर तक के रहस्य, शिव अवतारों का वर्णन, महाकाल का जन्म कैसे हुआ? शिव जी कौन से युग में थे? शिव जी कौन से युग में थे? श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे
रुद्राक्ष
गले में रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है?, कितने मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए?, रुद्राक्ष पहनने का क्या नियम है?, रुद्राक्ष कब और कैसे पहने?, रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते है? असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे
कावड़ यात्रा
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ॐ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का महत्त्व एवं रोचक जानकारियां
शिव चालीसा
शिव-चालीसा कितनी बार पढ़नी चाहिए?, कब पढ़नी चाहिए?, शिव-चालीसा पढ़ने के नियम क्या हैं?, शिव चालीसा के लाभ, शिव की चालीसा का हिंदी में अर्थ
शिव पुराण
शिव पुराण में क्या लिखा है ?, शिव-पुराण पढ़ने से क्या फायदा है?, शिव की पुराण कब पढ़ना चाहिए?, शिव-पुराण के कितने भाग होते हैं?, शिव पुराण का हिंदी में अर्थ
शिवलिंग दर्शन
शिवलिंग का दर्शन लाभ लें, शिवलिंग क्या है?, शिवलिंग कितने तरह के होते है?, शिवलिंग पर जल चढाने से क्या होता है?, कौन सा शिवलिंग घर पर रखें?
शिव-तांडव
शिव तांडव स्त्रोत कब पढ़ना चाहिए?, शिव तांडव पढ़ने से क्या लाभ होता है?, शिव तांडव में कितने श्लोक हैं?, शिव तांडव में कौन सा छंद है?, शिव तांडव किसने लिखा है?, शिव तांडव स्तोत्र को सिद्ध कैसे करे?
शिव-विवाह
भगवान शिव और पार्वती का विवाह कब हुआ था?, शिव विवाह में क्या हुआ था ?, शिव और पार्वती का विवाह कहां हुआ था?, शिव विवाह कैसे होता है?, शिव की बारात कैसी थी ?
शिव-मंदिर
महादेव के विभिन्न मंदिरों का दर्शन लाभ प्राप्त करें, भारत का सबसे पुराना शिव मंदिर कौन सा है?, भारत में शिव मंदिर कितने हैं?, शिव के प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन से हैं?, सबसे बड़ा शिव मंदिर
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द्वादश ज्योतिर्लिंग दर्शन Jyotirling
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात Gujrat
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वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड
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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश
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भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
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नागेश्वल ज्योतिर्लिंग, गुजरात
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रामेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु
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घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
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शिव सम्बंधित प्रश्न और उत्तर Shiv FAQs
ॐ श्री शिवाय नमस्त्युभ्यं मंत्र का अर्थ क्या है?
ॐ श्री शिवाय नमस्त्युभ्यं मंत्र का शाब्दिक अर्थ है “हे भगवान शिव, आपको नमस्कार” संस्कृत का हिंदी अनुवाद- “श्री शिवाय” शब्द भगवान शिव को संदर्भित करता है, और नमस्तुभ्यम नमस्कार का प्रतीक है। पूरा वाक्य बनता है, “हे श्री शिव, आपको नमस्कार” करता हूँ
शिव-चालीसा कितनी बार पढ़ना चाहिए?
तीन बार भगवान शिव की शिव चालीसा का पाठ करें। शिव चालीसा का पाठ जोर से बोल बोलकर करें, क्योंकि इसे सुनने से औरों को लाभ होगा। – शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव तथा पूरी श्रद्धा के साथ कर भगवान शिव को प्रसन्न करें। पाठ समाप्त करने के बाद, घर में अंदर और बाहर चारों ओर लोटे का सारा जल छिड़कें और थोड़ा सा जल स्वयं पी लें।
ॐ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का महत्व क्या है?
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे – इस मंत्र का जाप करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से भगवान शिव स्वयं अपने भक्त की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस मंत्र के जाप से भक्त सुख, शांति, धन और समृद्धि प्राप्त करता है।
शिव तांडव स्त्रोत कब पढ़ना चाहिए?
ऐसे तो ईश्वर के किसी भी मंत्र का जाप कभी भी किया जा सकता है, ठीक उसी तरह शिव तांडव स्तोत्र का जाप भी ब्रह्म मुहूर्त, सूर्योदय से पहले तथा सूर्योदय के बाद जाप कभी भी किया जा सकता है। पर ऐसा कहा जाता है कि सूर्योदय से पहले या प्रदोष के समय शिव तांडव स्तोत्रम का जाप करना चाहिए। सबसे पहले स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन लें। धूप, दीप और नैवेद्य से भगवान शिव को प्रणाम और पूजा करें।.