उतरे मुझमें आदियोगी Lyrics In हिंदी – Shiva Statue Song By कैलाश खेर, यहाँ आसानी से अपने मोबाइल फोन में रिंगटोन और संगीत मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।
उतरे मुझमें आदियोगी Lyrics In हिंदी
दूर उस आकाश की गहराइयों में, एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी।
शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं, मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी।
योग के स्पर्श से अब, योगमय करना है तन-मन।
साँस शाश्वत सनन सन नन, प्राण गुंजन धनन धन नन।
उतरे मुझमें आदियोगी।
योग धारा चलत छन छन,
साँस शाश्वत सनन सन नन, प्राण गुंजन धनन धन धन।
उतरे मुझमें आदियोगी, उतरे मुझमें आदियोगी।
सो रहा है नृत्य अब उसको जगाओ, आदियोगी और डमरू डगडगाओं।
सृष्टि सारी हो रही बेचैन देखो, योग वर्षा में मुझे आओ भिगाओ।
प्राण घुँघरू खनखनाओ खनक खन खन, खनक खन खन।
साँस शाश्वत सनन सन नन, प्राण गुंजन धनन धन नन।
उतरे मुझमें आदियोगी।
योग धारा चलत छन छन,
साँस शाश्वत सनन सन नन, प्राण गुंजन धनन धन नन।
उतरे मुझमें आदियोगी, उतरे मुझमें आदियोगी।
पीस दो अस्तित्व मेरा, और कर दो चूरा चूरा।
पूर्ण होने दो मुझे और, होने दो अब पूरा पूरा।
भस्म वाली रस्म कर दो आदियोगी, योग उत्सव रंग भर दो आदियोगी।
बज उठे ये मन सितारी, झनन झन नन झनन झन नन,
साँस शाश्वत सनन सन नन, प्राण गुंजन धनन धन नन।
साँस शाश्वत सनन सन नन, प्राण गुंजन धनन धन नन।
साँस शाश्वत सनन सन नन, प्राण गुंजन धनन धन नन।
उतरे मुझमें आदियोगी, उतरे मुझमें आदियोगी।
योग धारा चलत छन छन,
साँस शाश्वत सनन सन नन, प्राण गुंजन धनन धन नन।
उतरे मुझमें आदियोगी, उतरे मुझमें आदियोगी।