गणेश जी की आरती का अर्थ और महत्व
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
गणेश जी की आरती
अर्थ और महत्व
गणेश जी की आरती
गणेश जी की आरती: जानिए गणपति आरती का अर्थ और महत्व, और भगवान गणेश के आगमन का समर्थन करें। आध्यात्मिकता में गहराई पाएं और आराधना को अद्वितीय बनाएं
आपके घर में गणपति का स्वागत आते ही गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में एक अद्वितीय माहौल बन जाता है। घर-घर में उनके सानिध्य का अभिषेक होता है, और आपके घर का हर कोना गणपति भगवान के प्रति दिल से समर्पित हो जाता है। इस पवित्र अवसर के दौरान, गणपति अपने भक्तों के घरों में बसे रहते हैं और उनके दिलों में विशेष स्थान बना लेते हैं।
गणपति के आगमन के बाद, वे अलग-अलग दिनों के लिए स्थापित किए जा सकते हैं, जैसे कोई 5, 7, या 11 दिन के लिए। इस अवधि के दौरान, घरवालों का समय उनके साथ बितता है, और वे भगवान के साथ भक्ति और पूजा करते हैं। यह समय अनुपम आत्मिक संबंध बनाने का होता है, जिसमें भक्तों का मन और मन गणपति के प्रति अद्वितीय संबंध बन जाता है।
जब अनंत चतुर्दशी का दिन आता है, तो वह बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बप्पा को विदाई देने का समय आता है, लेकिन इस विदाई के साथ भक्तों का दिल भरकर दुआएँ और श्रद्धा भी बढ़ जाती है।
गणेश जी की आरती न केवल एक धार्मिक रिटुअल होती है, बल्कि यह एक मानसिक और आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक भी है। जब भक्त गणपति की आरती गाते हैं, तो वे अपने मन को शांति और आत्मा को प्रगल्भ करने का प्रयास करते हैं। यह आरती उनके दिल से भगवान के प्रति उनके प्यार और समर्पण की प्रकटि होती है, और वे उनकी आशीर्वाद का प्राप्ति करने के लिए प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा, गणेश जी की आरती भक्तों को दिव्यता, समर्पण, और धैर्य की महत्वपूर्ण शिक्षा भी देती है, जो उनके जीवन को संवारने में मदद करती है। इस आरती के माध्यम से, हम अपने आध्यात्मिक और मानवीय संबंधों को मजबूती से जोड़ सकते हैं और गणपति के आशीर्वाद से जीवन की मुश्किलों को सहजता से पार कर सकते हैं।
आपके घर में गणपति को स्थापित कर रहे हैं, तो याद रखें कि स्थापना और पूजा के बाद गणेश जी की आरती करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गणेश जी की आरती के माध्यम से आप गणपति के सामने अपना समर्पण प्रकट करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं। गणपति की आरती के बिना, पूजा का अधूरा माना जाता है, इसलिए इसे कभी भी अनदेखा न छोड़ें। यह आपके धार्मिक आदर्श और आध्यात्मिक जीवन को और भी महत्वपूर्ण और सत्यापित बना सकता है।
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