श्री सूर्य देव की आरती ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय… और देखें "श्री सूर्य देव की आरती | Surya Dev Ki Aarti"
भगवान और देवियों की आरतियों का संग्रह
भारतीय संस्कृति और धार्मिक धारा भगवान और देवियों के पूजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आराधना और भक्ति का एक महत्वपूर्ण तरीका है जिसमें आरतियों का महत्व अत्यधिक होता है। इस समृद्धि से भरे विचारधारा को ध्यान में रखते हुए, हम आपके लिए ‘भगवान और देवियों की आरतियों का संग्रह’ प्रेषित कर रहे हैं, जिसमें हम आपको भगवान और देवियों की आरतियों के महत्वपूर्ण और आदर्श प्राणी प्रस्तुत करेंगे।
आरती का अर्थ आरती एक प्रकार की पूजा है जिसमें दिव्य देवता की मूर्ति को दीपक और फूलों के साथ धूप और खुशबू से पूजा जाता है। यह आरती की प्रक्रिया संगीत, मंत्र और भक्ति की एक विशेष शृंगारिक रूप होती है, जिसमें भक्त अपने मन, वचन और क्रिया से भगवान के साथ संयुक्त होते हैं। आरती का यह अद्वितीय संबंध भक्ति और दिव्यता के बीच का एक अद्वितीय संवाद होता है।
इस कैटेगरी के तहत, हम भगवान और देवियों की आरतियों का एक विशेष संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें हमने उन दिव्य आरतियों का संग्रह किया है जिनमें वे विशेष रूप से पूजे जाते हैं। यह संग्रह आपके लिए एक माध्यम हो सकता है जिसके माध्यम से आप अपनी पूजा और आराधना को और भी अद्वितीय और आत्मिक बना सकते हैं।
आरतियों का महत्व आरतियां धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। ये एक प्रकार की समर्पण होती हैं जिनमें भक्त अपनी भगवान या देवी के प्रति अपना समर्पण और आदर्श भाव दिखाते हैं। आरतियां ध्यान, ध्यान, और साधना की एक विशेष तरीका है जिसमें भक्ति और दिव्य प्रेम का अभिव्यक्ति मिलता है। ये आरतियां विशेष रूप से ध्यान और आध्यात्मिक विकास के साथ साथ मानवीय संबंधों को भी सुदृढ़ करती हैं।
आरतियों का संग्रह हमारे ‘भगवान और देवियों की आरतियों का संग्रह’ कैटेगरी में, हमने विभिन्न भगवान और देवियों की आरतियों का संग्रह किया है, जिनमें आपको उनके महत्वपूर्ण और आदर्श प्राणी प्रस्तुत किए गए हैं। ये आरतियां भारतीय पौराणिक कथाओं और धर्मिक ग्रंथों के आधार पर बनाई गई हैं और उनका महत्व उन दिव्य संदेशों को समझाने के लिए विशेष रूप से होता है।
यहां हमने इस कैटेगरी के अंतर्गत कुछ पोस्ट्स भी संलिखित हैं, जिनमें आप भगवान और देवियों की आरतियों के विचारधारा, महत्व, और उनके अर्थ को समझ सकते हैं। हर आरती के साथ उसका अर्थ और महत्व भी व्याख्यानित किया जाएगा, जिससे आप उनका समर्थन करने और उनके प्रति अधिक आदर और ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
हमारे संग्रह के माध्यम से, हम आपको धार्मिक जीवन के इस महत्वपूर्ण पहलू को समझाने का प्रयास कर रहे हैं और आपको भगवान और देवियों के साथ और अधिक गहरे संबंध बनाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं। इस संग्रह को पढ़कर, आप अपनी आराधना को और भी अर्थपूर्ण और धार्मिक बना सकते हैं, और भगवान और देवियों के प्रति अपने प्रेम और समर्पण में वृद्धि कर सकते हैं।
इस ‘भगवान और देवियों की आरतियों का संग्रह’ कैटेगरी के अंतर्गत हम आपको विभिन्न भगवान और देवियों की आरतियों के साथ उनके अर्थ और महत्व के साथ पोस्ट प्रदान करेंगे, जिससे आपका धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन और भी मानवीय बना सकता है।
श्री बृहस्पति देव की आरती Brihaspati Dev Ki Aarti
श्री बृहस्पति देव की आरती जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।जगतपिता… और देखें "श्री बृहस्पति देव की आरती Brihaspati Dev Ki Aarti"
श्री शनि देव जी की आरती Shani Dev Ki Aarti
श्री शनि देव जी की आरती: हिंदी जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय.॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी।नीलाम्बर धार… और देखें "श्री शनि देव जी की आरती Shani Dev Ki Aarti"
श्री चित्रगुप्त जी की आरती | Shree Chitra Gupt Ki Aarti
श्री चित्रगुप्त जी की आरती: हिंदी ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे।भक्त जनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ विघ्न… और देखें "श्री चित्रगुप्त जी की आरती | Shree Chitra Gupt Ki Aarti"
श्री कुंज बिहारी की आरती | Kunj Bihari Ji Ki Aarti
श्री कुंज बिहारी की आरती: हिंदी आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।श्रवण में कुण्डल झलकाला,… और देखें "श्री कुंज बिहारी की आरती | Kunj Bihari Ji Ki Aarti"
श्री कृष्णजी की आरती | Shree Krishna Ji Ki Aarti
श्री कृष्णजी की आरती: हिंदी ॐ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरेभक्तन के दुख टारे पल में दूर करे.जय जय श्री कृष्ण… और देखें "श्री कृष्णजी की आरती | Shree Krishna Ji Ki Aarti"
श्री हनुमानजी की आरती | Hanuman Ji Ki Aarti
श्री हनुमान जी की आरती आरती कीजे हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरवर काँपे । रोग दोष जाके… और देखें "श्री हनुमानजी की आरती | Hanuman Ji Ki Aarti"
श्री रामचन्द्रजी की आरती | Shree Ram Chandra Ji Ki Aarti
श्री रामचन्द्रजी की आरती श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं ।। श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय… और देखें "श्री रामचन्द्रजी की आरती | Shree Ram Chandra Ji Ki Aarti"
श्री सत्यानारयण जी की आरती | Satya Narayan Ji Ki Aarti
श्री सत्यानारयण जी की आरती: ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय लक्ष्मीरमणा ।सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा रत्नजडित सिंहासन, अद्भुत छवि राजें ।नारद करत निरतंर घंटा… और देखें "श्री सत्यानारयण जी की आरती | Satya Narayan Ji Ki Aarti"
श्री मायातीत विष्णु जी की आरती | Mayateet Vishnu Ji Ki Aarti
श्री मायातीत विष्णु जी की आरती:जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।मायातीत, महेश्वर मन-वच-बुद्धि परे॥ जय जगदीश हरे आदि, अनादि, अगोचर, अविचल, अविनाशी।अतुल, अनन्त, अनामय, अमित, शक्ति-राशि॥… और देखें "श्री मायातीत विष्णु जी की आरती | Mayateet Vishnu Ji Ki Aarti"
श्री हरि विष्णु जी की आरती | Hari Vishnu Ji Ki Aarti
श्री हरि विष्णु जी की आरती: ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ जो ध्यावै फल पावै, दुख… और देखें "श्री हरि विष्णु जी की आरती | Hari Vishnu Ji Ki Aarti"
गणेश जी की आरती | Ganesh Ji Ki Aarti
गणेश जी की आरती का अर्थ और महत्व जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार… और देखें "गणेश जी की आरती | Ganesh Ji Ki Aarti"
शिव भगवान की आरती Shiv Aarti
शिव भगवान की आरती का अर्थ और महत्व Shiv Aarti शिव आरती जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥… और देखें "शिव भगवान की आरती Shiv Aarti"