सावन सोमवार 2023 के महीने में “देवों के देव महादेव” को प्रसन्न कर अपनी हर कामना पूरी करवाने के लिए सोमवार का विशेष महत्व है।पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन का महीना बहुत पवित्र माना जाता है और यह भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस महीने में शिवजी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को शुभ फल प्राप्त होता हैं।
सावन सोमवार व्रत 2023
सावन-सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष माना जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को शिव का आशीर्वाद मिलता है और उसके सभी कष्ट और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। यह व्रत सावन महीने के सोमवार को किया जाता है।
व्रत की विधि:
- व्रत की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके करें।
- मंदिर में जाकर भगवान शिव का जल अभिषेक करें।
- मंत्रों का जाप करते हुए श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, फल, सुपारी, और गंगाजल से पूजा करें।
- भगवान की कथा सुनें और उन्हें आरती चढ़ाएं।
- व्रत का भोजन सूर्यास्त के बाद करें।
व्रत में खाने-पीने की सामग्री:
- उबले आलू, दही, सिंघाड़ा का आटा, साबूदाना, सूखे मेवे, मूंगफली, और नारियल पानी खा सकते हैं।
- फल, फलौरी, सेवईयां, और खीर भी खा सकते हैं।
ध्यान रखें कि व्रत में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
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यहां दिए गए सामग्री को उपयोग करके सावन सोमवार 2023 के व्रत में खाने की विकल्प सूची है:
- उबले आलू: व्रत में उबले हुए आलू खायें। आप इसे फली या फरारी चिप्स की तरह बना सकते हैं।
- दही: व्रत में दही का सेवन करें। इसे थंडा करके खाएं या दही व्रती चटनी या रायता के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।
- सिंघाड़ा का आटा: सिंघाड़े का आटा उपवासी पूरी या रोटी के रूप में बनाया जा सकता है।
- साबूदाना: साबूदाना के खीर, खिचड़ी, वड़े, या पापड़ी बनाकर खायें।
- सूखे मेवे: खजूर, किशमिश, बादाम, काजू, मूंगफली, और अखरोट को सूखे मेवों के रूप में खाएं।
- फल: सोमवार व्रत में फल खाने की अन्य विकल्पों में आप सेब, केला, आम, अंगूर, और अन्य फलों को शामिल कर सकते हैं।
- फलौरी: फलौरी पूरी या पकोड़े बनाकर खायें।
- सेवईयां: मिठी सेवईयां या नमकीन सेवईयां बनाकर खायें।
- खीर: साबूदाना खीर, चावल
सावन मास की पूजा विधि:
- सावन के महीने में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और मंदिर जाएं।
- शिवजी का ध्यान करें और तांबे के बर्तन से शिवलिंग को जल अर्पित करें।
- जल अर्पित करने के बाद शिव को चंदन आदि का तिलक करें।
- भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
- इसके बाद शिवलिंग पर एक-एक करके सभी सामग्री अर्पित करें, जैसे कि शिवामुट्ठी के लिए कच्चे चावल, सफेद तिल, खड़ा मूंग, जौ, सतुआ, पंचामृत (दूध, दही, चीनी, चावल, गंगाजल), बेलपत्र, फल, फूल, धूपबत्ती या अगरबत्ती, चन्दन, शहद, घी, इत्र, केसर, धतूरा, कलावे की माला, रुद्राक्ष आदि।
- शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें, पूरी परिक्रमा कभी नहीं करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- जिस जगह पर शिवलिंग स्थापित है, उसके दक्षिण दिशा में ही बैठकर पूजा-पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त:
किसी भी पूजा से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करना फलदायी होता है। भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास 2023 में करीब 19 साल बाद 2023 में दो महीने तक मनाया जाएगा और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है मलमास। श्रावण या सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा और 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा।
हिंदू धर्म के अनुसार, सावन महीने में भगवान शिव की पूजा और अर्चना करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन के सोमवार ही नहीं, बल्कि संपूर्ण सावन माह में ब्रह्म मुहूर्त में शिव मंदिर में जाकर जल अभिषेक करना चाहिए। सूर्योदय से पहले पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।श्रावण में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से सभी अनिष्टों, अकाल मृत्यु और बाधाओं से मुक्ति मिलती है और जीवन समस्त सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य से परिपूर्ण रहता है।
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सावन के महीने में “देवों के देव महादेव” को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन का महीना बहुत पवित्र माना जाता है और यह भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस महीने में शिवजी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को शुभ फल प्राप्त होता हैं।